...

2 राजाओं: पतन और निर्वासन

2 राजाओं, बाइबिल का ग्यारहवाँ ग्रंथ है, जो इस्राएल और यहूदा राज्यों के पतन और निर्वासन तक की कहानी को बताता है। यह पुस्तक इस्राएल और यहूदा के राजाओं के अच्छे और बुरे कामों, उनके परमेश्वर से दूर होने और इसके परिणामस्वरूप होने वाली विपत्तियों का वर्णन करती है।

भाग 1: इस्राएल का पतन (अध्याय 1-17)

  • एलिय्याह और एलिशा के प्रचार कार्य: एलिय्याह और एलिशा द्वारा इस्राएल में परमेश्वर की आज्ञा का प्रचार करना।
  • इस्राएल के राजाओं की बुराई: इस्राएल के राजाओं द्वारा बुतपूजा और परमेश्वर से दूर होने का पाप।
  • इस्राएल का असिरिया द्वारा विनाश: इस्राएल का असिरिया द्वारा विजय प्राप्त कर लिया जाना और इस्राएली लोगों का निर्वासन।

भाग 2: यहूदा का संघर्ष (अध्याय 18-25)

  • हीजकिय्याह का सुधार: यहूदा के राजा हीजकिय्याह द्वारा धार्मिक सुधार करना और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना।
  • यहूदा पर असिरिया का आक्रमण: असिरिया द्वारा यहूदा पर आक्रमण और यरूशलेम की घेराबंदी।
  • मन्नाशे और आहज का पाप: यहूदा के राजा मन्नाशे और आहज द्वारा बुतपूजा और बुराई का बढ़ना।
  • यहूदा का बाबुल द्वारा विनाश: यहूदा का बाबुल द्वारा विजय प्राप्त कर लिया जाना और यरूशलेम का नाश होना।
  • यहूदा के लोगों का निर्वासन: यहूदा के लोगों का बाबुल में निर्वासन।

2 राजाओं की पुस्तक इस्राएल और यहूदा के इतिहास में एक दुखद अध्याय का वर्णन करती है। यह पुस्तक परमेश्वर की आज्ञा का महत्व, पाप के परिणाम, और परमेश्वर की दया और वफादारी को दर्शाती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.