यहोशू: वादा किए गए देश की विजय
यहोशू, बाइबिल का छठा ग्रंथ है, जो इस्राएलियों को वादा किए गए देश कनान में ले जाने और उस पर विजय प्राप्त करने की कहानी को बताता है।
यहोशू, बाइबिल का छठा ग्रंथ है, जो इस्राएलियों को वादा किए गए देश कनान में ले जाने और उस पर विजय प्राप्त करने की कहानी को बताता है।
व्यवस्थाविवरण, बाइबिल का पांचवां ग्रंथ है, जिसमें मूसा द्वारा इस्राएलियों को वादा किए हुए देश में प्रवेश करने से पहले उनके जीवन के नियमों और परमेश्वर के साथ उनके संबंधों की पुनरावृत्ति की जाती है।
गिनती, बाइबिल का चौथा ग्रंथ है, जो इस्राएलियों की मरुभूमि में यात्रा, जनगणना, और परमेश्वर के साथ उनके संबंध को विस्तार से बताता है।
लैव्यव्यस्था, बाइबिल का तीसरा ग्रंथ है, जो इस्राएलियों के लिए पवित्रता, आराधना और परमेश्वर के साथ सही संबंध स्थापित करने के नियमों और विधानों को प्रस्तुत करता है।
निर्गमन, बाइबिल का दूसरा ग्रंथ है, जो इस्राएलियों की मिस्र से मुक्ति और सिनाई पर्वत पर परमेश्वर के साथ उनके करार की कहानी को विस्तार से बताता है।
उत्पत्ति: सृष्टि, प्रारंभिक मानव इतिहास, वादों का समय, और नैतिक शिक्षाओं की पुस्तक, जो ईसाई धर्म के मूल विश्वासों और परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को दर्शाती है।
Christianity stands as the world’s largest and most widespread religion, with over 2.3 billion followers across the globe. From its humble beginnings in the Middle East, Christianity has grown to become a faith that spans continents, cultures, and generations. This blog explores the reasons behind its global reach, the diversity within the Christian community, and the impact Christianity has had on the world.