नहेम्याह: यरूशलेम की पुनर्स्थापना
नहेम्याह, बाइबिल का पंद्रहवाँ ग्रंथ है, जो यहूदी नेता नहेम्याह के नेतृत्व में यरूशलेम की दीवारों के पुनर्निर्माण की कहानी को बताता है। यह पुस्तक इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पुनर्निर्माण काल को दर्शाती है।
नहेम्याह, बाइबिल का पंद्रहवाँ ग्रंथ है, जो यहूदी नेता नहेम्याह के नेतृत्व में यरूशलेम की दीवारों के पुनर्निर्माण की कहानी को बताता है। यह पुस्तक इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पुनर्निर्माण काल को दर्शाती है।
एज्रा, बाइबुल का चौदहवाँ ग्रंथ है, जो यहूदी लोगों की बाबुल से वापसी और यरूशलेम में मंदिर के पुनर्निर्माण की कहानी को बताता है। यह पुस्तक इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पुनर्निर्माण काल को दर्शाती है।
2 इतिहास, बाइबिल का तेरहवाँ ग्रंथ है, जो यहूदा राज्य के इतिहास को सुलैमान के बेटे रेहाबाम से लेकर बाबुल के निर्वासन तक का वर्णन करता है। यह पुस्तक 1 राजाओं और 2 राजाओं की सामग्री को पुनर्व्यवस्थित और विस्तारित करती है, साथ ही अतिरिक्त विवरण और सामग्री भी शामिल करती है।
1 इतिहास, बाइबिल का बारहवां ग्रंथ है, जो दाऊद और सुलैमान के जीवन और शासनकाल पर अधिक विस्तार से ध्यान केंद्रित करता है। यह पुस्तक 2 शमूएल और 1 राजाओं की सामग्री को पुनर्व्यवस्थित और विस्तारित करती है, साथ ही अतिरिक्त विवरण और सामग्री भी शामिल करती है।
2 राजाओं, बाइबिल का ग्यारहवाँ ग्रंथ है, जो इस्राएल और यहूदा राज्यों के पतन और निर्वासन तक की कहानी को बताता है। यह पुस्तक इस्राएल और यहूदा के राजाओं के अच्छे और बुरे कामों, उनके परमेश्वर से दूर होने और इसके परिणामस्वरूप होने वाली विपत्तियों का वर्णन करती है।
1 राजाओं, बाइबिल का दसवां ग्रंथ है, जो दाऊद के पुत्र सुलैमान के शासनकाल की शुरुआत और इस्राएल राज्य के दो भागों में विभाजन तक की कहानी को बताता है।
2 शमूएल, बाइबिल का नौवां ग्रंथ है, जो दाऊद के राज्याभिषेक, उसके राज्य के विस्तार, और उसके जीवन में चुनौतियों का वर्णन करता है।
1 शमूएल, बाइबिल का आठवां ग्रंथ है, जो इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का वर्णन करता है। यह पुस्तक न्यायियों के काल के अंत से लेकर शाऊल के राज्याभिषेक तक की अवधि को कवर करती है।
रूत, बाइबिल का छोटा पर प्रभावशाली ग्रंथ है, जो मोआबी विधवा रूत की कहानी को बताता है, जो अपने सास नाओमी के साथ इस्राएल लौटती है और अंततः दाऊद के वंशावली में शामिल हो जाती है।
न्यायियों, बाइबिल का सातवां ग्रंथ है, जो इस्राएलियों के कनान देश में बसने के बाद के काल का वर्णन करता है। इस अवधि में इस्राएली लोग बार-बार परमेश्वर से दूर हटते हैं और उसके परिणामस्वरूप विदेशी शक्तियों के अधीन हो जाते हैं। परमेश्वर की दया से, वह समय-समय पर न्यायियों को उठाता है जो उन्हें मुक्ति दिलाते हैं।