यहूदा की पत्री (Jude) नए नियम की छब्बीसवीं पुस्तक है। यह पत्री मुख्यतः झूठी शिक्षाओं और भ्रामक सिद्धांतों से बचाव, और सही ईसाई आचरण को बनाए रखने पर केंद्रित है।
मुख्य विषय:
- झूठी शिक्षाएँ और भ्रामक सिद्धांत:
- झूठी शिक्षाओं की आलोचना और उनके प्रभावों से सतर्क रहने की सलाह।
- ईसाई आचरण:
- सच्चे ईसाई आचरण और विश्वास को बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा।
- धार्मिक विश्वास की रक्षा:
- सत्य की रक्षा और झूठे शिक्षाओं और भ्रामक सिद्धांतों का विरोध करने की प्रेरणा।
प्रमुख खंड:
- झूठी शिक्षाएँ और भ्रामक सिद्धांत (अध्याय 1-4):
- झूठी शिक्षाओं की पहचान, उनका विरोध, और उनसे बचाव की सलाह।
- ईसाई आचरण (अध्याय 5-16):
- सच्चे ईसाई आचरण और विश्वास को बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा।
- धार्मिक विश्वास की रक्षा (अध्याय 17-25):
- सत्य की रक्षा, झूठी शिक्षाओं और भ्रामक सिद्धांतों का विरोध, और विश्वासियों को ईसाई विश्वास की सच्चाई में स्थिर रहने के लिए प्रेरित करना।
संरचना:
- अध्याय 1-4:
- झूठी शिक्षाओं की आलोचना और भ्रामक सिद्धांतों से सतर्क रहने की सलाह।
- अध्याय 5-16:
- ईसाई आचरण और विश्वास को बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा।
- अध्याय 17-25:
- सत्य की रक्षा और धार्मिक विश्वास को सच्चे रूप में बनाए रखने की प्रेरणा।
विशेषताएँ:
- झूठी शिक्षाएँ और भ्रामक सिद्धांत:
- झूठी शिक्षाओं और भ्रामक सिद्धांतों का विरोध और उनकी पहचान।
- ईसाई आचरण:
- सच्चे ईसाई आचरण और विश्वास की रक्षा।
- धार्मिक विश्वास की रक्षा:
- सत्य की रक्षा और विश्वासियों को धार्मिक विश्वास में स्थिरता बनाए रखने की प्रेरणा।
यह पत्री झूठी शिक्षाओं और भ्रामक सिद्धांतों के खिलाफ एक स्पष्ट चेतावनी है, और यह विश्वासियों को अपने विश्वास को सच्चे रूप में बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है।