यूहन्ना की पत्री (2 John) नए नियम की चौबीसवीं पुस्तक है, जो विशेष रूप से एक महिला और उसके परिवार को लिखी गई है। यह पत्री झूठे शिक्षकों और उनके प्रभावों से सतर्क रहने और सच्चे ईसाई विश्वास की पुष्टि करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
मुख्य विषय:
- सच्ची शिक्षाएँ और झूठे शिक्षक:
- सच्ची शिक्षाओं की पुष्टि और झूठे शिक्षकों और उनके प्रभावों के खिलाफ चेतावनी।
- प्रेम और आज्ञाकारिता:
- ईसाई प्रेम और आज्ञाकारिता के सिद्धांतों पर जोर, और प्रेम में जीवन जीने की सलाह।
- सत्य की रक्षा:
- सत्य की रक्षा करने की आवश्यकता और विश्वास में स्थिरता बनाए रखने का महत्व।
प्रमुख खंड:
- सच्ची शिक्षाएँ और झूठे शिक्षक (अध्याय 1-3):
- झूठे शिक्षकों से बचाव, और सच्चे ईसाई विश्वास की पुष्टि।
- प्रेम और आज्ञाकारिता (अध्याय 4-6):
- प्रेम के सिद्धांत, आज्ञाकारिता, और सच्चे प्रेम में जीवन जीने की सलाह।
- सत्य की रक्षा (अध्याय 7-13):
- सत्य की रक्षा की आवश्यकता और विश्वास में स्थिरता बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन।
संरचना:
- अध्याय 1-3:
- सच्ची शिक्षाओं की पुष्टि, झूठे शिक्षकों की पहचान और उनके प्रभावों के खिलाफ चेतावनी।
- अध्याय 4-6:
- प्रेम और आज्ञाकारिता के सिद्धांत, और सच्चे प्रेम में जीवन जीने की सलाह।
- अध्याय 7-13:
- सत्य की रक्षा की आवश्यकता और विश्वास में स्थिरता बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन।
विशेषताएँ:
- सच्ची शिक्षाएँ और झूठे शिक्षक:
- झूठे शिक्षकों का विरोध और सच्ची शिक्षाओं की पुष्टि।
- प्रेम और आज्ञाकारिता:
- प्रेम और आज्ञाकारिता के सिद्धांत और सच्चे प्रेम में जीवन जीने की सलाह।
- सत्य की रक्षा:
- सत्य की रक्षा और विश्वास में स्थिरता बनाए रखने का महत्व।
यह पत्री विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो झूठे शिक्षकों और भ्रामक विचारों से प्रभावित होने से बचना चाहते हैं और ईसाई जीवन की सच्ची शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।