प्रेरितों के काम (Acts of the Apostles) नए नियम की पाँचवीं पुस्तक है, जिसे पारंपरिक रूप से लूका ने लिखा है। लूका ने पहले भी “लूका का सुसमाचार” लिखा था, और इस पुस्तक में उन्होंने प्रारंभिक चर्च के विकास और ईसाई धर्म के फैलाव की घटनाओं को दर्ज किया है।
मुख्य विषय:
- पवित्र आत्मा की उपस्थिति: यह पुस्तक पवित्र आत्मा की शक्ति और उपस्थिति को दर्शाती है, जो प्रारंभिक चर्च की स्थापना और इसके विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- प्रारंभिक चर्च का विकास: येरूशलेम से लेकर अन्य क्षेत्रों तक चर्च का फैलाव और उसके समक्ष आने वाली चुनौतियों का वर्णन किया गया है।
- पौलुस का मंत्रालय: पौलुस के जीवन और सेवकाई का विस्तृत विवरण है, जिसमें उनकी मिशनरी यात्राएँ और उनके द्वारा स्थापित चर्चों का वर्णन किया गया है।
प्रमुख खंड:
- पवित्र आत्मा का आगमन (अध्याय 1-2): पेंटेकोस्ट के दिन पवित्र आत्मा की उपस्थिति और प्रारंभिक चर्च की शुरुआत की घटनाएँ।
- प्रेरितों का कार्य (अध्याय 3-7): पेत्रुस और अन्य प्रेरितों द्वारा किए गए चमत्कार, उपदेश, और चर्च के प्रारंभिक संघर्ष।
- पौलुस की यात्रा (अध्याय 8-12): पौलुस के प्रेरित बनने की कहानी, उनकी पहली यात्रा, और प्रारंभिक चर्च में आए संघर्ष।
- पौलुस की मिशनरी यात्राएँ (अध्याय 13-21): पौलुस की विभिन्न मिशनरी यात्राएँ, चर्चों की स्थापना, और विभिन्न क्षेत्रों में उनके संघर्ष।
- पौलुस की गिरफ्तारी और अदालत (अध्याय 22-28): पौलुस की गिरफ्तारी, परीक्षण, और रोम में उनके जीवन की घटनाएँ।
संरचना:
- अध्याय 1-2: पवित्र आत्मा की उपस्थिति और येरूशलेम में चर्च की शुरुआत।
- अध्याय 3-7: प्रेरितों के कार्य, चमत्कार, और प्रारंभिक चर्च का विकास।
- अध्याय 8-12: पौलुस का प्रेरित होना, प्रारंभिक चर्च की चुनौतियाँ और विकास।
- अध्याय 13-21: पौलुस की मिशनरी यात्राएँ और चर्चों की स्थापना।
- अध्याय 22-28: पौलुस की गिरफ्तारी, परीक्षण, और रोम में उनके जीवन की घटनाएँ।
विशेषताएँ:
- पवित्र आत्मा की भूमिका: पवित्र आत्मा की शक्ति और उपस्थिति के माध्यम से चर्च के विकास का महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
- प्रेरितों का नेतृत्व: प्रारंभिक चर्च के नेतृत्व, उनके संघर्षों, और उनके मिशनरी कार्यों का विवरण मिलता है।
- मिशनरी दृष्टिकोण: ईसाई धर्म के प्रसार के लिए किए गए प्रयासों और उनके प्रभाव की स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत की गई है।
प्रेरितों के काम ईसाई धर्म के शुरुआती विकास, उसकी चुनौतियों, और इसके प्रमुख प्रेरितों के कार्यों का एक गहन और विस्तृत अध्ययन प्रदान करता है, जो इसे नए नियम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।