आमोस बाइबल का सातवाँ ग्रंथ है और एक सामाजिक न्याय के प्रवक्ता के रूप में जाना जाता है। वह एक साधारण चरवाहा था जिसे परमेश्वर ने इस्राएल और आसपास के राष्ट्रों के पापों की निंदा करने के लिए बुलाया था।
आमोस की पुस्तक को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
भाग 1: राष्ट्रों की निंदा (अध्याय 1-2)
- इस भाग में आमोस ने आसपास के राष्ट्रों जैसे मोआब, अम्मोन, एदोम, दमिश्क, घाज़ा, तीर और सदोम की निंदा की है।
- इन राष्ट्रों के पापों के कारण आने वाले विनाश की भविष्यवाणी की गई है।
भाग 2: इस्राएल की निंदा और आशा (अध्याय 3-9)
- इस भाग में आमोस ने इस्राएल के लोगों की आध्यात्मिक पतन और सामाजिक अन्याय की कड़ी निंदा की है।
- उसने इस्राएल के लोगों को पश्चाताप करने और परमेश्वर की ओर लौटने का आह्वान किया है।
- साथ ही, उसने भविष्य में परमेश्वर के पुनरुद्धार की आशा भी व्यक्त की है।
आमोस की पुस्तक सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता, और परमेश्वर के साथ सही संबंध के महत्व पर जोर देती है। यह पुस्तक आज भी प्रासंगिक है और हमें सामाजिक अन्याय के खिलाफ खड़े होने और परमेश्वर की न्यायप्रियता के लिए काम करने की प्रेरणा देती है।