होशे बाइबल का बारहवां ग्रंथ है और एक प्रेम और विश्वासघात की मार्मिक कहानी है। यह पुस्तक भविष्यवक्ता होशे के जीवन और परमेश्वर के इस्राएल के लोगों के प्रति प्रेम के अनोखे चित्रण को प्रस्तुत करती है।
होशे की पुस्तक को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
भाग 1: होशे की वैवाहिक त्रासदी (अध्याय 1-3)
- इस भाग में होशे को परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार एक वेश्या स्त्री गोमेर से विवाह करने के लिए कहा जाता है।
- यह एक प्रतीकात्मक कहानी है जिसमें इस्राएल के लोगों को परमेश्वर की पत्नी के रूप में चित्रित किया गया है, जो बार-बार विश्वासघात करती है।
भाग 2: इस्राएल की आध्यात्मिक व्यभिचार (अध्याय 4-14)
- इस भाग में होशे इस्राएल के लोगों की आध्यात्मिक व्यभिचार की निंदा करता है।
- वह परमेश्वर के अनंत प्रेम और क्षमा का संदेश भी देता है।
होशे की पुस्तक परमेश्वर के असीम प्रेम और क्षमा का एक गहरा संदेश देती है। यह पुस्तक इस्राएल के लोगों के पतन के बावजूद परमेश्वर की निष्ठा को प्रदर्शित करती है।