यहेजकेल बाइबल का तेइसवाँ ग्रंथ है और एक महत्वपूर्ण भविष्यवक्ता है। वह बाबुल के निर्वासन के समय इस्राएलियों के बीच रहता था। यहेजकेल की पुस्तक में कई अद्भुत दर्शन और भविष्यवाणियां शामिल हैं।
यहेजकेल की पुस्तक को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है:
भाग 1: दर्शन और संदेश (अध्याय 1-24)
- इस भाग में यहेजकेल को कई अद्भुत दर्शन प्राप्त होते हैं, जैसे कि परमेश्वर की महिमा का दर्शन और चार जीवित प्राणियों का दर्शन।
- वह इस्राएलियों की आध्यात्मिक पतन की निंदा करता है और आने वाले विनाश की भविष्यवाणी करता है।
भाग 2: भविष्यवाणियां (अध्याय 25-39)
- इस भाग में यहेजकेल विभिन्न राष्ट्रों के बारे में भविष्यवाणियां करता है।
- वह इस्राएल के पुनरुद्धार और परमेश्वर के राज्य की स्थापना की भी भविष्यवाणी करता है।
भाग 3: पुनर्निर्माण और आशीष (अध्याय 40-48)
- इस भाग में यहेजकेल को एक नए यरूशलेम और मंदिर का दर्शन मिलता है।
- वह इस्राएल के पुनर्निर्माण और परमेश्वर की आशीष के बारे में भविष्यवाणी करता है।
यहेजकेल की पुस्तक में अद्भुत दर्शन, गहरी समझ, और भविष्य की आशा का संदेश है। यह पुस्तक परमेश्वर की महिमा, पवित्रता, और दया को प्रदर्शित करती है।