नहेम्याह, बाइबिल का पंद्रहवाँ ग्रंथ है, जो यहूदी नेता नहेम्याह के नेतृत्व में यरूशलेम की दीवारों के पुनर्निर्माण की कहानी को बताता है। यह पुस्तक इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पुनर्निर्माण काल को दर्शाती है।
भाग 1: यरूशलेम की दशा (अध्याय 1-2)
- यरूशलेम की दुर्दशा: नहेम्याह को यरूशलेम की दीवारों की खंडहर स्थिति के बारे में पता चलता है।
- नहेम्याह की प्रार्थना: नहेम्याह परमेश्वर से यरूशलेम की पुनर्स्थापना के लिए प्रार्थना करता है।
- फारस के राजा से अनुमति: नहेम्याह को फारस के राजा से यरूशलेम जाने और शहर की दीवारों का पुनर्निर्माण करने की अनुमति मिलती है।
भाग 2: दीवार का पुनर्निर्माण (अध्याय 3-7)
- दीवार का निर्माण: नहेम्याह के नेतृत्व में यरूशलेम की दीवारों का पुनर्निर्माण शुरू होता है।
- शत्रुओं का विरोध: शत्रुओं द्वारा दीवार के निर्माण में बाधा डालने के प्रयास।
- दीवार का समापन: दीवार के निर्माण का पूरा होना और उत्सव मनाना।
भाग 3: धार्मिक सुधार (अध्याय 8-13)
- व्यवस्था का पाठन: एज्रा द्वारा व्यवस्था का पाठन और लोगों को शिक्षा देना।
- पर्वों का पालन: यहूदी पर्वों का पुनर्स्थापना और उत्सव मनाना।
- धार्मिक सुधार: नहेम्याह द्वारा विवाह संबंधी सुधार और अन्य धार्मिक सुधार करना।
नहेम्याह की पुस्तक नेतृत्व, दृढ़ता, और परमेश्वर पर विश्वास के एक शक्तिशाली उदाहरण के रूप में खड़ी है। यह पुस्तक हमें परमेश्वर की योजना के अनुसार काम करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।