2 शमूएल, बाइबिल का नौवां ग्रंथ है, जो दाऊद के राज्याभिषेक, उसके राज्य के विस्तार, और उसके जीवन में चुनौतियों का वर्णन करता है।
भाग 1: दाऊद का राजा बनना (अध्याय 1-5)
- शाऊल और योनाथान की मृत्यु पर शोक: दाऊद द्वारा शाऊल और योनाथान की मृत्यु पर शोक व्यक्त करना।
- दाऊद का यहूदा पर राजा बनना: दाऊद का यहूदा पर राजा चुना जाना।
- इस्राएल पर दाऊद का राजा बनना: दाऊद का पूरे इस्राएल पर राजा बनना और यरूशलेम को राजधानी बनाना।
भाग 2: दाऊद का राज्य का विस्तार (अध्याय 6-10)
- परमेश्वर के सन्दूक को यरूशलेम लाना: दाऊद द्वारा परमेश्वर के सन्दूक को यरूशलेम लाने का प्रयास और उसकी गलती।
- दाऊद की विजयें: दाऊद द्वारा आसपास के राष्ट्रों पर विजय प्राप्त करना।
- अम्नोन और अबशालोम की कहानियाँ: दाऊद के परिवार में होने वाली त्रासदियाँ।
भाग 3: दाऊद का पतन और पुनरुत्थान (अध्याय 11-24)
- दाऊद का पाप: दाऊद द्वारा व्यभिचार और हत्या का पाप करना।
- अबशालोम का विद्रोह: दाऊद के पुत्र अबशालोम का विद्रोह और दाऊद का निर्वासन।
- दाऊद का पुनरुत्थान: दाऊद का अपने पुत्र अबशालोम पर विजय प्राप्त करना और राज सिंहासन पर वापसी।
- राजा दाऊद की अंतिम इच्छा: दाऊद द्वारा अपने पुत्र सुलैमान को राजा नियुक्त करना और उसकी मृत्यु।
2 शमूएल की पुस्तक दाऊद के जीवन के उतार-चढ़ाव का एक स्पष्ट चित्र प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक नेतृत्व, पाप, क्षमा, और परमेश्वर की दया के बारे में महत्वपूर्ण शिक्षा देती है।
क्या आप 2 शमूएल की किसी विशिष्ट घटना या पात्र के बारे में अधिक जानना चाहते हैं?