गिनती, बाइबिल का चौथा ग्रंथ है, जो इस्राएलियों की मरुभूमि में यात्रा, जनगणना, और परमेश्वर के साथ उनके संबंध को विस्तार से बताता है।
भाग 1: जनगणना और संगठन (अध्याय 1-4)
- इस्राएलियों की गणना: मरुभूमि में इस्राएलियों की जनगणना और उनकी संख्या का निर्धारण।
- गोत्रों का संगठन: इस्राएलियों का 12 गोत्रों में विभाजन और उनके शिविरों की व्यवस्था।
- लेवीयों की सेवा: लेवीयों की गणना और उनके मंदिर सेवा के लिए नियुक्ति।
भाग 2: मरुभूमि में यात्रा और परीक्षाएं (अध्याय 5-22)
- शुद्धता और अपराध: शुद्धता के नियमों का पुनरावृत्ति और अपराधों के लिए दंड का वर्णन।
- नाज़रेत की प्रतिज्ञा: नज़र की प्रतिज्ञा करने वाले व्यक्तियों के नियम।
- इस्राएलियों की विद्रोह: इस्राएलियों की बार-बार शिकायतें और परमेश्वर की सज़ा।
- बल्याक और बिलाम: मोआब के राजा बल्याक द्वारा इस्राएलियों को श्राप देने के लिए भविष्यवक्ता बिलाम को बुलाया जाना।
भाग 3: पूर्वी देशों की विजय (अध्याय 23-36)
- बालक और फिगोरो की विजय: इस्राएलियों द्वारा पूर्वी देशों के राजाओं पर विजय प्राप्त करना।
- रुबेन, गाद, और मनश्शे की भूमि: इन गोत्रों के लिए स्थायी निवास की व्यवस्था।
- बिन्यामीन और दाऊद के वंशावली: इन गोत्रों के वंशावली का विवरण।
गिनती की पुस्तक इस्राएलियों के मरुभूमि जीवन की कठिनाइयों, परमेश्वर के साथ उनके संबंधों की परीक्षाओं, और उनके भविष्य की तैयारी के बारे में बताती है। यह पुस्तक इस्राएल के इतिहास और बाइबिल की कहानी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।