हबक्कूक पुराने नियम का एक छोटा लेकिन गहरा भविष्यवाणी ग्रंथ है। यह पुस्तक भविष्यवक्ता हबक्कूक की परमेश्वर के साथ संवाद को दर्शाती है। हबक्कूक अपने समय में बढ़ते हुए अन्याय और दुष्टता को देखकर परेशान था और परमेश्वर से पूछता है कि वह इन बुराइयों को क्यों सहन करते हैं।
हबक्कूक 1:2-3 में लिखा है, “हे यहोवा, मैं तेरी दोहाई करता हूं, तू सुन ले; हे पवित्र, मैं तुझ से पुकारता हूं, तू ध्यान दे। मैं इस देश में क्या देखता हूं, देख, यह विनाश ही विनाश है; नगर उजाड़ हो गए हैं, और उनमें कोई भी मनुष्य नहीं रह गया।”
हालाँकि, हबक्कूक अंततः विश्वास के साथ खड़ा रहता है और परमेश्वर की योजना पर भरोसा करता है। हबक्कूक 2:4 में लिखा है, “देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है; परन्तु धर्मी अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा।”
हबक्कूक की पुस्तक हमें सिखाती है कि विश्वास पर कायम रहना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर कठिन समय में। यह हमें याद दिलाती है कि परमेश्वर की योजनाएं हमारी समझ से परे हैं, लेकिन वे हमेशा अच्छाई के लिए होती हैं।